Discover the poetic beauty in ‘Mere Haath Mein’ by Aamir Khan. This lyric breakdown takes you on a journey through the artist’s thoughts, emotions, and the story they aim to tell. From clever metaphors to evocative imagery, we delve into the nuances that make this song a lyrical masterpiece. Whether you’re a fan of Aamir Khan or a lover of well-crafted words, our detailed analysis will give you a deeper understanding and appreciation of this song.
या मौला ओ ओ ओ ओ
या मौला आ हां हां
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नते मेरे साथ हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नते मेरे साथ हो
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊँ फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नते मेरे साथ हो
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊँ फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नते मेरे साथ हो
हो साया हो साया हो साया
तेरे दिल मैं मेरी सांसो को पनाह मिल जाये
तेरे इश्क़ मैं मेरी जान फनाह हो जाये
जितने पास है खुशबू साँस के
जितने पास होठों के सरगम
जैसे साथ है करवट याद के
जैसे साथ बाहों के संगम
जितने पास पास ख्वाबों के नज़र
उतने पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊँ फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो सारी जन्नते मेरे साथ हो
हो हो हो ओ हो हो ओ ओ ओ ओ
रोने दे आज हमको आँखे सुजाने दे
बाहो मैं लेले और खुद को भीग जाने दे
है जो सीने मैं कैद दर्या वो छूट जायेगा
है इतना दर्द के तेरा दामण भीग जायेगा
जितने पास पास धड़कन के है राज़
जितने पास बूंदों के बादल
जैसे साथ साथ चंदा के है रात
जितने पास नैनों के काजल
जितने पास पास सागर के लहर
उतने पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या ये जहां
तेरे प्यार में हो जाऊँ फ़ना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
सारी जन्नते मेरे साथ हो
या मौला
अधूरी साँस थी और धड़कन अधूरी थी अधूरे हम (आ आ आ आ)
मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और पुरे है हम (आ आ आ आ)